तुम कहते हो तो......
झूठ ही होगा
साँसों की हलचल, दिल की धड़कन
जीने का सलीका हम क्या जाने ?
नज़रों में तुम्हारी था महज़ जुनूँ एक
तो प्यार नहीं दीवानापन होगा
वो कसमें वादे, शिकवे वो शिकायत
आहें भरना , भरोसा दिलाना
दिल नहीं दिमाग का खेल था वो
तुम कहते हो तो शायद सौदा ही होगा
( उर्दू शायरी मेरे लिए कुछ नहीं बहुत मुश्किल है .... फिर भी एक प्रयास किया है ....)
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