Saturday, 12 May 2018
Friday, 11 May 2018
अपूर्णता में सम्पूर्णता
अपूर्णता ही सत्य
अपूर्णता ही शाश्वत ।
मिथ्या है ...
सम्पूर्णता का अभिमान
सम्पूर्णता की चाह
मृग मरीचिका ।
अपूर्णता जगाती
जिजीविषा ।
अपूर्णता की स्वीकारोक्ति ही
सबसे बड़ी
सम्पूर्णता ...
~~~~~~~~~
शालिनी रस्तौगी
अपूर्णता ही शाश्वत ।
मिथ्या है ...
सम्पूर्णता का अभिमान
सम्पूर्णता की चाह
मृग मरीचिका ।
अपूर्णता जगाती
जिजीविषा ।
अपूर्णता की स्वीकारोक्ति ही
सबसे बड़ी
सम्पूर्णता ...
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शालिनी रस्तौगी
प्राथमिकता
पुरुष ने नारी से कहा
सुनो,तुम मेरी प्राथमिकता हो...
नारी ने भी बड़े यत्न से
प्राथमिकता की इस प्रवंचना सहेज लिया
और अपनी सभी प्राथमिकताओं को
निचला दर्ज़ा देकर
पुरुष को अपनी प्राथमिकता बना लिया।
फिर पुरुष की प्राथमिकताएं बदलने लगीं
और स्त्री ....
दूसरे से तीसरे, तीसरे से चौथे
पायदानों से होती हुई
अंतिम पायदान पर खड़ी
बस देखती रही
अपनी प्राथमिकताओं में
सबसे ऊपर विराजमान
उस पुरुष को ....
~~~~~~~~~~~~~
शालिनी रस्तौगी
सुनो,तुम मेरी प्राथमिकता हो...
नारी ने भी बड़े यत्न से
प्राथमिकता की इस प्रवंचना सहेज लिया
और अपनी सभी प्राथमिकताओं को
निचला दर्ज़ा देकर
पुरुष को अपनी प्राथमिकता बना लिया।
फिर पुरुष की प्राथमिकताएं बदलने लगीं
और स्त्री ....
दूसरे से तीसरे, तीसरे से चौथे
पायदानों से होती हुई
अंतिम पायदान पर खड़ी
बस देखती रही
अपनी प्राथमिकताओं में
सबसे ऊपर विराजमान
उस पुरुष को ....
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शालिनी रस्तौगी
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