खुदा करे कभी, यों भी बसर हो जाये
नींद तेरी उड़े ,और सुकून से हम सोया करें
तडपे तू भी हर पल हमसे मिलने को कभी
बेखबर हो हम तुझसे और चैन दिल को मिले
एक अजीब सी ख्वाहिश जगी है दिल में आज
वो टूट के चाहे और हम , बेवफा हो जाएँ
उनके लब औ नाम मेरा , या खुदा कहीं सपना तो नहीं.
क्योंकर गुमाँ ये दिल को हुआ, पुकारा किसी ने हौले से सही .
हों सफर में भले तनहा ही , साया अपना मगर साथ होता है.
हमसफ़र के गुमाँ में अक्सर, सफर तनहा ही तमाम होता है .