कितने चेहरे ........
एक पर एक
मुखौटा चढाए
कितने ही चेहरों के पीछे
खुद को छिपाए
डर के भागते फिरते हैं
कहीं अपनी खुद से
मुलाकात न हो जाए
मुखौटा चढाए
कितने ही चेहरों के पीछे
खुद को छिपाए
डर के भागते फिरते हैं
कहीं अपनी खुद से
मुलाकात न हो जाए
हर मौके के लिए
एक नया चेहरा तैयार रखते
कभी ताजातरीन
कभी ग़मगीन दिखते
क्या भूल नहीं गए हम
वाकई
क्या महसूस हम करते ?
एक नया चेहरा तैयार रखते
कभी ताजातरीन
कभी ग़मगीन दिखते
क्या भूल नहीं गए हम
वाकई
क्या महसूस हम करते ?
कभी आईने में
अक्स असली देख अपना
बेतरह चौंक जाते
घड़ी दो घड़ी को तो
खुद को भी पहचान कहाँ पाते
फिर कोशिशे करते
उस चेहरे पे
नया मुलम्मा चढाने की
असलियत खुद की
खुद से ही छिपाने की
अक्स असली देख अपना
बेतरह चौंक जाते
घड़ी दो घड़ी को तो
खुद को भी पहचान कहाँ पाते
फिर कोशिशे करते
उस चेहरे पे
नया मुलम्मा चढाने की
असलियत खुद की
खुद से ही छिपाने की
दस चेहरों पे
अनगिनत भाव लिए
क्या बनते नहीं जा रहे हम
दशानन ........???
~~~~~~~~~
Shalini rastogi
अनगिनत भाव लिए
क्या बनते नहीं जा रहे हम
दशानन ........???
~~~~~~~~~
Shalini rastogi
(चित्र गूगल से साभार)
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