Thursday 13 September 2012

क्षितिज



एक सुरमई साँझ
दूर क्षितिज पर 
उदास बैठी धरती ने
हसरत भरी नज़र से 
देख गगन को यूँ कहा ....
हरेक के लिए इस दुनिया में 
है एक क्षितिज 
जहाँ 
हम- तुम मिलते हैं 
पर मैं और तुम 
क्यों नहीं रच पाते 
अपना कोई क्षितिज 
जहाँ तुम 
अपनी विशाल बाहों में 
समेट लो मेरा वजूद 
जहाँ हम मिलते से 
आभासित ही न हो 
वरन
मिल हो जाएँ 
एक 

24 comments:

  1. बहुत सुंदर बिंब उकेरे हैं आपने, शब्द भी निर्बाध बह रहे हैं। बहुत सुंदर !

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत बहुत धन्यवाद सुशीला जी!

      Delete
  2. बहुत सुन्दर......
    कोमल एहसास.....
    अनु

    ReplyDelete
  3. धरती और आकाश ये दो ही तो छोर हैं जीवन के .ये मिलतें कहाँ हैं .इक दूसरे को समझातें हैं .धरती पे रहो आकाश में मत उड़ो.बहुत सुन्दर प्रस्तुति है हदों का अतिक्रमण करने को आतुर .

    ReplyDelete
    Replies
    1. अतिक्रमण करने की आतुरता ही अप्राप्य को प्राप्त करने को व्याकुल कर देती है.... भहुत बहुत धन्यवाद वीरू भाई !

      Delete
  4. बहुत ही बढ़िया
    हिन्दी दिवस की शुभकामनाएँ!

    सादर

    ReplyDelete
    Replies
    1. धन्यवाद यशवंत जी...

      Delete
  5. जहाँ मिलन होता है क्षितिज वहीं आ जाता है ...
    बस मिलन का प्रयास करते रहना चाहिए ... क्षितिज तो आ ही जायगा ...

    ReplyDelete
    Replies
    1. बिल्कुल सही कहा आपने, दिगम्बर जी ... धन्यवाद!

      Delete
  6. काश ऐसा भी हो पाता ......!

    ReplyDelete
    Replies
    1. काश....
      धन्यवाद सरस जी!

      Delete
  7. wah... bahut behtareen..:)
    follow karna pada..
    ab barabar aaunga...:)

    ReplyDelete
    Replies
    1. बिल्कुल मुकेश जी.... हमारे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है.

      Delete
  8. बहुत ही खुबसूरत,,,क्षितिज का भ्रम तोड़ कर एक हो जाने कि तमन्ना ।

    ReplyDelete
    Replies
    1. ऐसी ही नजाने कितनी हसरतें लिए फिरता है इंसान जिंदगी भर.... धन्यवाद इमरान जी!

      Delete
  9. बहुत सुन्दर......बहुत ही खुबसूरत

    ReplyDelete
  10. जहाँ मिलन होता है क्षितिज वहीं आ जाता है ... खूबसूरत

    ReplyDelete
    Replies
    1. सही कहा संजय जी, बहुत-बहुत धन्यवाद!

      Delete
  11. अपने ब्लॉग परिवार में शामिल करने के लिए आभार रश्मि जी!

    ReplyDelete
  12. धन्यवाद सदा जी!

    ReplyDelete
  13. वाह बहुत सुन्दर वर्णन किया है आपने खुबसूरत

    ReplyDelete
  14. Replies
    1. सतीश जी, सिर्फ smiley से काम नहीं चलेगा ..कुछ कहिए भी पोस्ट के बारे में...आपके विचार मेरे लिए बहुमूल्य होंगे|

      Delete

आपकी टिप्पणी मेरे लिए अनमोल है.अगर आपको ये पोस्ट पसंद आई ,तो अपनी कीमती राय कमेन्ट बॉक्स में जरुर दें.आपके मशवरों से मुझे बेहतर से बेहतर लिखने का हौंसला मिलता है.

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...
Blogger Tips And Tricks|Latest Tips For Bloggers Free Backlinks