सिर झुकाए सुनते रहे हम, गुनाहगार-से |
काश! दिल में न रख कह देते अपने भी मन की,
तो यूँ न सुलगते भीतर ही भीतर , अंगार-से |
पहल तुम्हारी थी, मुहब्बत का जो यकीं दिलाया था,
फिर बेरुखी से हाथ झटक, दामन भी तुमने छुडाया था|
खुदा बन के तुम फरमान दिए जाते थे
बुत बन के हम खड़े थे, तेरे हर इलज़ाम पे|
हलफ उठाने को भी थे राज़ी कि मान जाओ तुम
इस बार जो बिछड़े तो किसी सूरत , जी न पाएंगे
यकीं तुम्हें न था कि पलट के जाँचते थे तुम
जान कितनी बची है बाकी, तेरे जाँ- निसार में
बेहतरीन बहुत उम्दा रचना, बहुत-२ बधाई
ReplyDeleteधन्यवाद अरुण जी!
Deleteखुदा बन के तुम फरमान दिए जाते थे
ReplyDeleteबुत बन के हम खड़े थे, तेरे हर इलज़ाम पे|
वाह....बहुत ही उम्दा....शानदार ।
शुक्रिया इमरान जी!
Deletebahut sunder anubhooti hai
Deleteधन्यवाद नादिर जी!
Deleteबहुत बहुत धन्यवाद, यशोदा जी.... हलचल में शामिल करने के लिए.
ReplyDeleteसुन्दर,कोमल अहसास लिए
ReplyDeleteभावपूर्ण रचना..
खुदा बन के तुम फरमान दिए जाते थे
बुत बन के हम खड़े थे, तेरे हर इलज़ाम पे|
बहुत बढ़िया..
:-)
हौंसला अफज़ाई के लिए शुक्रिया रीना जी!
Deleteबहुत ही खूबसूरत कविता |शालिनी जी ब्लॉग पर आने हेतु आभार |
ReplyDeleteधन्यवाद जयकृष्ण जी.... आपके ब्लॉग पर आना मेरा सौभाग्य है...बहुत कुछ सीखने को मिलाता है आपसे..
Deleteसाभार
हलफ उठाने को भी थे राज़ी कि मान जाओ तुम
ReplyDeleteइस बार जो बिछड़े तो किसी सूरत , जी न पाएंगे
यकीं तुम्हें न था कि पलट के जाँचते थे तुम
जान कितनी बची है बाकी, तेरे जाँ- निसार में
बहुरत खूब ... इतने बेदर्द है वो .. पर हम हैं की प्यार किये जाते हैं ...
लाजवाब ...
धन्यवाद दिगंबर जी!
Deleteप्यार में मिले दर्द को बखूबी उकेरा है ... भाव प्रवण रचना
ReplyDeleteआपके प्रेरणादायक शब्दों से सदैव ही हौंसला मिलाता है..धन्यवाद संगीता जी!
Deleteबेह्तरीन अभिव्यक्ति .आपका ब्लॉग देखा मैने और नमन है आपको
ReplyDeleteऔर बहुत ही सुन्दर शब्दों से सजाया गया है लिखते रहिये और कुछ अपने विचारो से हमें भी अवगत करवाते रहिये.
ब्लॉग पर आने व हौंसला अफज़ाई के लिए शुक्रिया मदन जी!
Deleteहृदय की वेदना को प्रस्तुत करती सुंदर रचना |
ReplyDeleteमेरी नई पोस्ट:-
♥♥*चाहो मुझे इतना*♥♥
धन्यवाद प्रदीप जी!
Deleteखुदा बन के तुम फरमान दिए जाते थे
ReplyDeleteबुत बन के हम खड़े थे, तेरे हर इलज़ाम पे|
बहुत उम्दा बात कही आपने ।