Wednesday 22 May 2013

एक नया मोड दे.




मेरे हमनशीं कहानियों को, तू अब एक नया मोड दे.
अब बात तेरी मर्ज़ी पे, प्यार दे या मुझे छोड़ दे .

कब इख्तेयार में है मेरे, तुझे चाहना न चाहना,
तू चाहे दवा ए दर्द दे, चाहे तो दिल को तोड़ दे.

रहम औ करम पे तेरे अब, आ ठहर गई है बात हर.
गम के सागर में डुबो मुझे या सारे गम निचोड़ दे.

मेरी दास्ताँ को सुन के जो, अदा से तुम मुस्काते हो,
लाऊं कहाँ से वो सदा, तेरी रूह को जो झिंझोड़ दे.

आसान बहुत है तोड़ना रिश्ते हों या शीशा कोई ,
वो चीज़ कब बनी है जो, टूटे दिलों को जोड़  दे .

15 comments:

  1. इश्क मे डूबे जज़्बात ...!!
    बहुत सुन्दर लिखा है ...!!शुभकामनायें ...!!

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  2. आपने लिखा....हमने पढ़ा
    और भी पढ़ें;
    इसलिए आज 23/05/2013 को आपकी पोस्ट का लिंक है http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर (यशोदा अग्रवाल जी की प्रस्तुति में)
    आप भी देख लीजिए एक नज़र ....
    धन्यवाद!

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  3. लाजवाब गज़ल | बधाई

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  4. बहुत ही खूबसूरत ग़ज़ल....

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  5. रिश्ता तोडना तो बहुत ही आसान है,पर इसे सम्भाल कर रखना मुशिकल,बेहतरीन प्रस्तुति,आभार शलिनी जी.

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  6. शानदार गजल..बधाई

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  7. बहुत खूब ... अपने इक्तियर में कहां होता है चाहना न चाहना ...
    ये दर्द अपने आप ही लग जाता है ...

    लाजवाब गज़ल ...

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  8. सच रिश्ता हो शीशा एक बार टूट गया तो फिर जुड़ नहीं पाटा ..बहुत बढ़िया

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  9. बहुत सुन्‍दर गजल आभार
    हिन्‍दी तकनीकी क्षेत्र की जादूई जानकारियॉ प्राप्‍त करने के लिये एक बार अवश्‍य पधारें और टिप्‍पणी के रूप में मार्गदर्शन प्रदान करने के साथ साथ पर अनुसरण कर अनुग्रहित करें MY BIG GUIDE

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  10. बहुत अच्छी रचना
    बहुत सुंदर


    मेरे TV स्टेशन ब्लाग पर देखें । मीडिया : सरकार के खिलाफ हल्ला बोल !
    http://tvstationlive.blogspot.in/2013/05/blog-post_22.html?showComment=1369302547005#c4231955265852032842

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  11. बहुत बढ़िया ग़ज़ल शालिनी.....
    मगर कुछ हक अपने पास भी रखो दोस्त :-)

    सस्नेह
    अनु

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  12. सुन्दर जज्बात भरे
    लाजवाब
    साभार!

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  13. खुबसूरत.......सभी शेर बहुत अच्छे लगे।


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  14. .सामान्य तो विपरीत ही होता है "आज बहुत मुस्करा रही हो ,क्या गम है जो छिपा रही हो ".जिस गहराई से ,सूक्ष्मता से ,आपने दिल के टूटने की आशंका से पीड़ा ,और प्रियतम पर भरोसे की ग़ज़ल पेश की वो अतुलनीय है .
    जो कवि /कवयित्री अपने दिल के गम को अभिव्यक्त कर सकते है ,वैह कुछ भी अभिव्यक्त कर सकते हैं .
    बहुत सुंदर .मन को छू लेने बाली .
    हार्दिक बधाई .

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