मेरे हमनशीं कहानियों को,
तू अब एक नया मोड दे.
अब बात तेरी मर्ज़ी पे, प्यार
दे या मुझे छोड़ दे .
कब इख्तेयार में है मेरे,
तुझे चाहना न चाहना,
तू चाहे दवा ए दर्द दे,
चाहे तो दिल को तोड़ दे.
रहम औ करम पे तेरे अब, आ
ठहर गई है बात हर.
गम के सागर में डुबो मुझे या
सारे गम निचोड़ दे.
मेरी दास्ताँ को सुन के जो,
अदा से तुम मुस्काते हो,
लाऊं कहाँ से वो सदा, तेरी
रूह को जो झिंझोड़ दे.
आसान बहुत है तोड़ना रिश्ते
हों या शीशा कोई ,
वो चीज़ कब बनी है जो, टूटे
दिलों को जोड़ दे .
वाह!!!बहुत बेहतरीन गजल,,
ReplyDeleteRecent post: जनता सबक सिखायेगी...
इश्क मे डूबे जज़्बात ...!!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर लिखा है ...!!शुभकामनायें ...!!
आपने लिखा....हमने पढ़ा
ReplyDeleteऔर भी पढ़ें;
इसलिए आज 23/05/2013 को आपकी पोस्ट का लिंक है http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर (यशोदा अग्रवाल जी की प्रस्तुति में)
आप भी देख लीजिए एक नज़र ....
धन्यवाद!
लाजवाब गज़ल | बधाई
ReplyDeleteबहुत ही खूबसूरत ग़ज़ल....
ReplyDeleteरिश्ता तोडना तो बहुत ही आसान है,पर इसे सम्भाल कर रखना मुशिकल,बेहतरीन प्रस्तुति,आभार शलिनी जी.
ReplyDeleteशानदार गजल..बधाई
ReplyDeleteबहुत खूब ... अपने इक्तियर में कहां होता है चाहना न चाहना ...
ReplyDeleteये दर्द अपने आप ही लग जाता है ...
लाजवाब गज़ल ...
सच रिश्ता हो शीशा एक बार टूट गया तो फिर जुड़ नहीं पाटा ..बहुत बढ़िया
ReplyDeleteबहुत सुन्दर गजल आभार
ReplyDeleteहिन्दी तकनीकी क्षेत्र की जादूई जानकारियॉ प्राप्त करने के लिये एक बार अवश्य पधारें और टिप्पणी के रूप में मार्गदर्शन प्रदान करने के साथ साथ पर अनुसरण कर अनुग्रहित करें MY BIG GUIDE
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बहुत अच्छी रचना
ReplyDeleteबहुत सुंदर
मेरे TV स्टेशन ब्लाग पर देखें । मीडिया : सरकार के खिलाफ हल्ला बोल !
http://tvstationlive.blogspot.in/2013/05/blog-post_22.html?showComment=1369302547005#c4231955265852032842
बहुत बढ़िया ग़ज़ल शालिनी.....
ReplyDeleteमगर कुछ हक अपने पास भी रखो दोस्त :-)
सस्नेह
अनु
सुन्दर जज्बात भरे
ReplyDeleteलाजवाब
साभार!
खुबसूरत.......सभी शेर बहुत अच्छे लगे।
ReplyDelete.सामान्य तो विपरीत ही होता है "आज बहुत मुस्करा रही हो ,क्या गम है जो छिपा रही हो ".जिस गहराई से ,सूक्ष्मता से ,आपने दिल के टूटने की आशंका से पीड़ा ,और प्रियतम पर भरोसे की ग़ज़ल पेश की वो अतुलनीय है .
ReplyDeleteजो कवि /कवयित्री अपने दिल के गम को अभिव्यक्त कर सकते है ,वैह कुछ भी अभिव्यक्त कर सकते हैं .
बहुत सुंदर .मन को छू लेने बाली .
हार्दिक बधाई .