पैरहन हो बादशाही, चेहरा नूरानी तो क्या ,
रूह में वहशत हो अगर, फिर ज़िस्म इंसानी तो क्या .
बेरुखी का क्यों दिखावा, क्यों जुबां पे तल्ख़ नश्तर,
है जिगर में इश्क तेरे , त्योरियाँ पेशानी तो क्या .
राज़ खोले आँख क्यों ये, दर्द सीने में भले हो
हो लबों पे मुस्कराहट, आँख में हो पानी तो क्या .
हाथ में तस्बीह लेकर, लूटते हो चैन सबका,
ख्वाब में दौलत जहाँ की, बात गर रूहानी तो क्या.
मंजिलें भी ढूँढ लेती, हैं पता उस शख्स का खुद,
पैर रख तो हौंसले से, राह हो अंजानी तो क्या .
है जुदा अंदाज़ तेरा, हैं निराले तेरे
हर तरफ़ है बात तेरी, है हमें हैरानी तो क्या .
behtreen aur lajwaab ghajal.
ReplyDeletebahut bahut dhanyvaad dheerendr ji !
Deleteबहुत बढ़िया ग़ज़ल......
ReplyDeleteसभी शेर लाजवाब हैं...
अनु
dhanyvaad anu ..:-)
Deleteबहुत खूब ... मंजिल ढूंढ ही लेती है उसका पता ... होंसले की दरकार है ...
ReplyDeleteलाजवाब शेर ...
dhanyvaad digambar ji !
Deleteआपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टि की चर्चा कल मंगलवार 9/4/13 को चर्चा मंच पर राजेश कुमारी द्वारा की जायेगी आपका वहां स्वागत है ।
ReplyDeleteचर्चा मंच पर बैठने का शुक्रिया राजेश कुमारी जी!
DeleteBahut behtareen aur Lazwaaaaaab....
ReplyDeleteKishore
धन्यवाद किशोर जी !
Deleteमाशाल्लाह!!!सुभानअल्लाह!!!बेहद ज़हीन और दिलकश ग़ज़ल | दिल खुश हो गया पढ़कर | आदाब
ReplyDeleteशुक्रिया तुषार!
Deleteवाह!!!बहुत बेहतरीन सुंदर गजल !!!
ReplyDeleteRECENT POST: जुल्म
आभार ... धीरेन्द्र जी!
Deleteबहुत ,बहुत उम्दा ग़ज़ल
ReplyDeleteधन्यवाद मोनिका ... :-)
Deleteवाह, वाह, वाह, हर शेर लाज़वाब. शानदार गज़ल........
ReplyDeleteशुक्रिया अरुण जी !
Deleteबहुत ही बेहतरीन सुन्दर ग़ज़ल की प्रस्तुति,आभार.
ReplyDeleteधन्यवाद राजेन्द्र कुमार जी ...
Deletesandesh deti bahut hi khoobsoorat gazal
ReplyDeleteशुक्रिया वंदना जी!
Deleteबहुत बहुत खुबसूरत.........पहला शेर तो लाजवाब........
ReplyDeleteधन्यवाद इमरान जी!
Deleteलाजवाब ग़ज़ल
ReplyDeleteLATEST POSTसपना और तुम
धन्यवाद कालीपद जी !
Deleteहौसलों के साथ पैर रखे तो राहे अनजानी भी रहे तो मुकाम तक पहुंच सकते हैं, भाव वाली पंक्तियां अत्यंत उत्कृष्ट। दो-दो पदों में जबरदस्त ताकत भरी है। बधाई।
ReplyDeletedrvtshinde.blogspot.com
शुक्रिया विजय !
Deleteबेह्तरीन अभिव्यक्ति!शुभकामनायें
ReplyDeletewaaaah waaaah bhot achchi gazal bni hai ....mubark
ReplyDeleteहलचल में स्थान देने के लिए शुक्रिया यशोदा जी!
ReplyDeleteVery Nice
ReplyDeleteandaaj sach me nirala aapka
ReplyDeletehame hairani na ho to aur kya :)
behtareen..