Monday 9 June 2014

एक नज़्म .. कुछ हसीं बातें

कुछ हसीं ख्याल 
~~~~~~~~~
चलो, कुछ और बात करते हैं..
न हम अपने गम कहें 
न तुम्हारे गमों को सुनते हैं ..
बहुत रंज हैं, गम हैं 
शिक़वे-शिकायतें हैं दुनिया में 
छोड़ कडवाहटों को 
कुछ मीठी बात करते हैं ...
चलो अब चेहरे पर 
मुस्कुराहटों का
एक नया नक़ाब बुनते हैं ...
क्यों बीच में आएँ
वही रोज़- रोज़ के झगड़े
कुछ परेशानियाँ मेरी
कुछ तेरे रोज़ के रगड़े
गिर्द जाल बुने हैं जो तेरे-मेरे
उन उलझनों के ताने बाने में
हसीं बातों के मोतियों को पिरो
चाँद-तारों के ख्यालात करते हैं
चलो अब हम
कुछ और बात करते हैं

5 comments:

  1. बहुत अच्छा ख्याल है , हम अपनी उलझनों मैं इतने खोये हुए है ,कि नए पल को भी उन्ही उलझनों के हवाले कर देते है , उनसे हटकर अगर मीठी कहे तो जिन्दगी अपने आप मीठी सी लगने लगेगी..!

    ReplyDelete
  2. कमाल का लिखा है हर लम्हा

    ReplyDelete
  3. बहुत सुंदर लिखा है.

    ReplyDelete
  4. वाह कुछ पल को फुर्सत में कुछ बात करते हैं ....वाह

    ReplyDelete
  5. जब मिलें हैं तो गम दुःख की बात क्यों ... कुछ और बात करना ही ठीक है ...
    भावपूर्ण ...

    ReplyDelete

आपकी टिप्पणी मेरे लिए अनमोल है.अगर आपको ये पोस्ट पसंद आई ,तो अपनी कीमती राय कमेन्ट बॉक्स में जरुर दें.आपके मशवरों से मुझे बेहतर से बेहतर लिखने का हौंसला मिलता है.

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...
Blogger Tips And Tricks|Latest Tips For Bloggers Free Backlinks