कुछ हसीं ख्याल
~~~~~~~~~
चलो, कुछ और बात करते हैं..
न हम अपने गम कहें
न तुम्हारे गमों को सुनते हैं ..
बहुत रंज हैं, गम हैं
शिक़वे-शिकायतें हैं दुनिया में
छोड़ कडवाहटों को
कुछ मीठी बात करते हैं ...
चलो अब चेहरे पर
मुस्कुराहटों का
एक नया नक़ाब बुनते हैं ...
क्यों बीच में आएँ
वही रोज़- रोज़ के झगड़े
कुछ परेशानियाँ मेरी
कुछ तेरे रोज़ के रगड़े
गिर्द जाल बुने हैं जो तेरे-मेरे
उन उलझनों के ताने बाने में
हसीं बातों के मोतियों को पिरो
चाँद-तारों के ख्यालात करते हैं
चलो अब हम
कुछ और बात करते हैं
~~~~~~~~~
चलो, कुछ और बात करते हैं..
न हम अपने गम कहें
न तुम्हारे गमों को सुनते हैं ..
बहुत रंज हैं, गम हैं
शिक़वे-शिकायतें हैं दुनिया में
छोड़ कडवाहटों को
कुछ मीठी बात करते हैं ...
चलो अब चेहरे पर
मुस्कुराहटों का
एक नया नक़ाब बुनते हैं ...
क्यों बीच में आएँ
वही रोज़- रोज़ के झगड़े
कुछ परेशानियाँ मेरी
कुछ तेरे रोज़ के रगड़े
गिर्द जाल बुने हैं जो तेरे-मेरे
उन उलझनों के ताने बाने में
हसीं बातों के मोतियों को पिरो
चाँद-तारों के ख्यालात करते हैं
चलो अब हम
कुछ और बात करते हैं
बहुत अच्छा ख्याल है , हम अपनी उलझनों मैं इतने खोये हुए है ,कि नए पल को भी उन्ही उलझनों के हवाले कर देते है , उनसे हटकर अगर मीठी कहे तो जिन्दगी अपने आप मीठी सी लगने लगेगी..!
ReplyDeleteकमाल का लिखा है हर लम्हा
ReplyDeleteबहुत सुंदर लिखा है.
ReplyDeleteवाह कुछ पल को फुर्सत में कुछ बात करते हैं ....वाह
ReplyDeleteजब मिलें हैं तो गम दुःख की बात क्यों ... कुछ और बात करना ही ठीक है ...
ReplyDeleteभावपूर्ण ...