रीता मन - रीते नयन, भीगे-भीगे पल
क्या लिखूँ?
सूना आँगन - सूना उपवन, उल्लास प्रेम का
क्या लिखूँ?
वे सावन संग भीगे थे हम, रुत वसंत झूमे
थे संग,
मकरंद प्रेम का बिखरा था, बूँदों में
तन-मन पिघला था,
तुम संग सब मौसम बीते, पतझड़ का सूनापन
क्या लिखूँ ?
वो हाथ लिए हाथों में जब, आँखों में बातें
होती थीं,
पुलकित-पुलकित दिन होते थे, पूनम की रातें होती
थीं ,
तुम संग गए सभी उजियारे, मावस का तम क्या
लिखूँ ?
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