#हरदिनहिंदी
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जो मेरे सपनों की भाषा है
जो मेरे अपनों की भाषा है।
जिसमें हँसी हूँ, जिसमें रोई हूँ,
जिस भाषा को गले लगा कर सोई हूँ।
जिस भाषा में माँ ने डाँटा है
जिसमें प्यार अमित बाँटा है।
जिसमें पहली बार लिखा था
मन में उठते भावों को,
हर पल ज़ुबान दे पाला जिसने
कच्चे-पक्के अनुरागों को ।
जो हर साँस साँस में बसती है,
जो सीने में दिल के साथ धड़कती है....
एक दिवस में कैसे बाँधू भला
अपने सपनों को
अपने अपनों को
मन के उद्गारों को
दुख-सुख के भावों को
खुशी के अतिरेक को
व्यथा के वेग को....
सुबह से सोच रही हूँ
कैसे कहूँ
मातृ सम भाषा के लिए
मात्र एक दिन के लिए
हिंदी दिवस की शुभकामनाएं।
आओ हर दिन को हिंदी दिवस मनाएँ💐
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जो मेरे सपनों की भाषा है
जो मेरे अपनों की भाषा है।
जिसमें हँसी हूँ, जिसमें रोई हूँ,
जिस भाषा को गले लगा कर सोई हूँ।
जिस भाषा में माँ ने डाँटा है
जिसमें प्यार अमित बाँटा है।
जिसमें पहली बार लिखा था
मन में उठते भावों को,
हर पल ज़ुबान दे पाला जिसने
कच्चे-पक्के अनुरागों को ।
जो हर साँस साँस में बसती है,
जो सीने में दिल के साथ धड़कती है....
एक दिवस में कैसे बाँधू भला
अपने सपनों को
अपने अपनों को
मन के उद्गारों को
दुख-सुख के भावों को
खुशी के अतिरेक को
व्यथा के वेग को....
सुबह से सोच रही हूँ
कैसे कहूँ
मातृ सम भाषा के लिए
मात्र एक दिन के लिए
हिंदी दिवस की शुभकामनाएं।
आओ हर दिन को हिंदी दिवस मनाएँ💐
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