Wednesday 26 September 2018

राधिके मंथर मंथर आई



मत्तगयन्द सवैया 
पुष्प बिछा मग, मंजुल मंडप, माधव मोहक सेज सजाई|
वृक्ष, लता, तरु, पल्लव, कुञ्ज घने घिर ओट बना छातराई|
नृत्य मयूर कियो पिक गीत सुनकर की उनकी अगुआई|
बाँह पसारे खड़े बनमालि कि राधिके मंथर मंथर आई|
शालिनी रस्तौगी

No comments:

Post a Comment

आपकी टिप्पणी मेरे लिए अनमोल है.अगर आपको ये पोस्ट पसंद आई ,तो अपनी कीमती राय कमेन्ट बॉक्स में जरुर दें.आपके मशवरों से मुझे बेहतर से बेहतर लिखने का हौंसला मिलता है.

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...
Blogger Tips And Tricks|Latest Tips For Bloggers Free Backlinks