क्या करूँ समर्पित
पितृ दिवस पर
क्या लिखूँ, क्या करूँ समर्पित
कैसे दूँ शब्द भावों को मन के
मात्र बचपन की कुछ यादें नहीं तुम
कैशोर्य का लड़कपन, यौवन का मार्गदर्शन हो .
हर कदम पर साथ चले जो
ऐसी घनेरी, स्नेहल छाया हो तुम
हाँ, मेरे अपने वृक्ष हो तुम
हर ताप-संताप स्वयं सह
अपनी अमृत धारा से सरसाते
हाँ मेरे अपने बादल हो तुम
बचपन से अब तक , हर कदम पर
स्थिरता दे क़दमों को मुझे संभाला
निर्भय हो जिस पर पग रखती
हाँ, मेरे अपने धरातल हो तुम
क्या लिखूँ, कैसे कुछ शब्दों में
बखान करूँ तुम्हारा
क्या करूँ समर्पित
पितृ दिवस पर
भावुक करती प्रस्तुति. पितृ दिवस पर शुभकामनाएँ.
ReplyDeleteधन्यवाद रचना जी , आपको भी पितृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ !
Deletewaaaaaaaaah waaaaaaaaaaaaaah bhot khub ye ruh ko chune vale shabd hai bhot khubt
ReplyDeleteधन्यवाद अशोक जी , आपको भी पितृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ !
Deleteपिता संबल होते हैं .. मजबूर साया होते हैं जीवन में ...
ReplyDeleteशब्द कम पढ़ जाते हैं कई बार ... बहुत ही भावपूर्ण अभिव्यक्ति है ... आपको बधाई इस दिन की ...
धन्यवाद दिगंबर जी , आपको भी पितृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ !
Deleteनमस्कार
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल सोमवार (17-06-2013) के :चर्चा मंच 1278 पर ,अपनी प्रतिक्रिया के लिए पधारें
सूचनार्थ |
धन्यवाद सरिता जी , आपको भी पितृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ !
Deleteबहुत सुन्दर..पितृ दिवस की शुभकामनायें...
ReplyDeleteधन्यवाद कैलाश जी , आपको भी पितृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ !
Deleteब्लॉग बुलेटिन की फदर्स डे स्पेशल बुलेटिन कहीं पापा को कहना न पड़े,"मैं हार गया" - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ReplyDeleteधन्यवाद जी , आपको भी पितृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ !
Deletebahut sundar aabhar pradarshan
ReplyDeleteधन्यवाद भारद्वाज जी
Delete, आपको भी पितृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ !
behtareen... pitra diwas ki shubhkamnayen...
ReplyDeleteaapke papa ko naman :)
धन्यवाद मुकेश जी , आपको भी पितृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ !
Deleteमन को भिगोती सी बहुत सुन्दर रचना ! बिलकुल अपने मन के भावों का प्रतिबिम्ब लगी ! पितृ दिवस की आपको हार्दिक शुभकामनायें !
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर और भावपूर्ण अभिव्यक्ति,सादर आभार।
ReplyDeleteबहुत सुंदर भावुक करती प्रस्तुति,,,
ReplyDeleteRECENT POST: जिन्दगी,
सच पिता जी ऐसे ही होते हैं
ReplyDeleteमन के भीतर पनपती सुंदर और सच्ची अनुभूति
पिता को नमन
सादर
आग्रह है
पापा ---------
अद्भुत ,
ReplyDeleteअनूठा ,
अनुपम काव्य .... !
khoobsurat ..vatsalya ras se paripoorna ..pita ko samarpit anupam bhent ..bahut achhi abhivyakti :-)
ReplyDeleteमेरी नयी रचना Os ki boond: लव लैटर ...
पापा की प्यारी बेटी के लिए मंगलकामनाएं !
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