Wednesday 20 December 2017

सतरंगी है इश्क़ तेरा

सतरंगी है इश्क़ तेरा
जिस्मानी काले से
रूहानी सफ़ेद तक,
हार रंग में सजा है
इश्क़ तेरा
कभी सूफियाना बन
हरा कर देता है दिल की ज़मीं को,
कभी पूजन बन
केसरिया मन कर जाता है|
कहीं मिलन का लाल,
कहीं जुदाई का धूसर,
कभी जलन में जामुनी रंग जाता है
इश्क़ तेरा ...
कहीं आसमानी बन
सागर औ फ़लक तक बिखर जाता है,
कभी गुलाबी मुस्कान बन
होंठों में सिमट आता है,
कभी सितारों की चमक लिए
आँखों में झिलमिलाता है,
कहीं सरसों की पीली बाली-सा
दिल को सरसराता है,
चूनर की धानी धनक से
पायल की रुपहली खनक तक,
हर रंग में नज़र आता है
इश्क़ तेरा
हाँ, सतरंगी है इश्क़ तेरा ....
शालिनी रस्तौगी 
x

10 comments:

  1. सतरंगी है इश्क़ तेरा
    जिस्मानी काले से
    रूहानी सफ़ेद तक,
    हार रंग में सजा है
    इश्क़ तेरा....
    बहुत ही सुंदर ख्यालों से सजी रचना।

    ReplyDelete
  2. जी नमस्ते,
    आप की रचना को शुक्रवार 22 दिसम्बर 2017 को लिंक की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।

    ReplyDelete
  3. बहुत ही सुंदर रचना ।

    ReplyDelete
  4. वाह! उत्कृष्ट रचना का ख़ूबसूरत शब्द-विन्यास।
    बिंबों और प्रतीकों के साथ रंगों को ख़ूबसूरती प्रदान करती मनमोहक रचना।
    बधाई एवं शुभकामनाएं। लिखते रहिए।

    ReplyDelete
  5. बहुत सुंदर
    बधाई एवं शुभकामनाएं

    ReplyDelete
  6. वाह !!बहुत सुंंदर ।

    ReplyDelete
  7. इश्क को नये अनुपम रंगों में परिभाषित करती सुंदर रचना | बधाई एवं शुभकामना --

    ReplyDelete
  8. सतरंगी इश्क.....
    इश्क का रंग रंग बहुत सुन्दर....
    वाह!!!

    ReplyDelete

आपकी टिप्पणी मेरे लिए अनमोल है.अगर आपको ये पोस्ट पसंद आई ,तो अपनी कीमती राय कमेन्ट बॉक्स में जरुर दें.आपके मशवरों से मुझे बेहतर से बेहतर लिखने का हौंसला मिलता है.

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...
Blogger Tips And Tricks|Latest Tips For Bloggers Free Backlinks