अनुभूतियाँ, जज़्बात, भावनाएँ.... बहुत मुश्किल होता है इन्हें कलमबद्ध करना .. कहीं शब्द साथ छोड़ देते हैं तो कहीं एकक अनजाना भय अपनी गिरफ़्त में जकड़ लेता है .... फिर भी अपने जज्बातों को शब्द देने की एक छोटी सी कोशिश है ... 'मेरी क़लम, मेरे जज़्बात' |
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सुंदर छंद प्रस्तुति...!
ReplyDeleteसपरिवार रंगोत्सव की हार्दिक शुभकामनाए ....
RECENT पोस्ट - रंग रंगीली होली आई.
सुन्दर बेहतरीन प्रस्तुति
ReplyDeleteएक नज़र :- हालात-ए-बयाँ: विरह की आग ऐसी है
sunder, bhavpurn rachana
ReplyDeleteवाह...सुन्दर और सामयिक पोस्ट...
ReplyDeleteनयी पोस्ट@चुनाव का मौसम