Friday 12 May 2017

अमर जवान ज्योति

अनगिनत दीप  
जो बुझे नहीं 
अमर हो गए ।
झिलमिलाते रहेंगे सदा 
स्मृतियों में,
जगमगाएंगे देश के पटल पर
बन सितारे,
किसी के प्राण , किसी के प्यारे,
विलीन हो गए शून्य में पर ,
शून्य नहीं अनंत हो गए।
नहीं श्रद्धांजलि,
वादा चाहते हैं हमसे,
उस अमर ज्योति के
सदा प्रज्वलन का,
जिससे प्रकाशित थे ......
वे दीप
💐💐💐💐
शालिनी रस्तौगी

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