Sunday 14 May 2017

हाँ ... तुम स्वतन्त्र हो

हाँ ... तुम स्वतन्त्र हो 

पूरी तरह स्वतन्त्र 
पर देखो 
इस आज़ादी का  मतलब 
कुछ गलत मत लगाना ....
जीने का पूरा हक़ है तुम्हें
पर ज़रूरत से ज्यादा साँसे मत लेना |
हक़ रखती हो बोलने का, 
अपने दिल की कहने का, 
पर देखो... 
जो अच्छा सबको लगे 
केवल वही तुम  कहना |
वैसे हर बात के लिए ... तुम आज़ाद हो 

किसने कहा कि घर की चौहद्दियों में कैद हो तुम? 
आधुनिक नारी हो ..
कोई हद भला बाँधेगी तुम्हे क्यों कर ?
पर कदम घर से बाहर रखने से पहले 
इजाजत मेरी तुम लेना| 
वैसे अपनी मर्ज़ी की मालिक हो ....हाँ 
बिलकुल स्वतन्त्र हो |
पूरी तरह आज़ाद हो तुम ...
तुम्हारे फैसले,
तुम्हारी ज़िन्दगी, 
तुम्हारी बातें, तुम्हारी साँसें, 
तुम्हारी ज़िद, तुम्हारा गुरूर
तुम्हारी हँसी.....सब कुछ  
बस तभी तक है सही 
जब तक वो मेरे अधिकार क्षेत्र में है 
बस इस अधिकार क्षेत्र की सीमा ...
इस पुरुष द्वारा खींची गई 
लक्ष्मण रेखा को ....
लाँघने का विचार 
दिल से परे रखना |
वैसे 
बाकी हर बात के लिए तुम 
पूरी तरह .... स्वतन्त्र हो?




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