Friday 12 May 2017

दशानन

कितने चेहरे ........
एक पर एक
मुखौटा चढाए
कितने ही चेहरों के पीछे 
खुद को छिपाए
डर के भागते फिरते हैं
कहीं अपनी खुद से
मुलाकात न हो जाए
हर मौके के लिए
 एक नया चेहरा तैयार रखते
कभी ताजातरीन
कभी ग़मगीन दिखते
क्या भूल नहीं गए हम
वाकई
क्या महसूस हम करते ?
कभी आईने में
अक्स असली देख अपना
बेतरह चौंक जाते
 घड़ी दो घड़ी को तो
खुद को भी पहचान कहाँ पाते
 फिर कोशिशे करते
उस चेहरे पे
नया मुलम्मा चढाने की
असलियत खुद की
खुद से ही छिपाने की
दस चेहरों पे
 अनगिनत भाव लिए
क्या बनते नहीं जा रहे हम
दशानन ........???
~~~~~~~~~
Shalini rastogi
(चित्र गूगल से साभार)

No comments:

Post a Comment

आपकी टिप्पणी मेरे लिए अनमोल है.अगर आपको ये पोस्ट पसंद आई ,तो अपनी कीमती राय कमेन्ट बॉक्स में जरुर दें.आपके मशवरों से मुझे बेहतर से बेहतर लिखने का हौंसला मिलता है.

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...
Blogger Tips And Tricks|Latest Tips For Bloggers Free Backlinks