अनुभूतियाँ, जज़्बात, भावनाएँ.... बहुत मुश्किल होता है इन्हें कलमबद्ध करना .. कहीं शब्द साथ छोड़ देते हैं तो कहीं एकक अनजाना भय अपनी गिरफ़्त में जकड़ लेता है .... फिर भी अपने जज्बातों को शब्द देने की एक छोटी सी कोशिश है ... 'मेरी क़लम, मेरे जज़्बात' |
Pages
▼
Thursday, 22 March 2018
वीरांगना हूँ मैं
चलता है अनवरत
युद्ध मेरा जीवन से
कभी ज़रूरतों
तो कभी मजबूरियों के
वार करता है जीवन।
नहीं भागती
न हार मानती।
हर दिन कमर कस
उतर पड़ती हूँ
जीवन रण में
न सही लक्ष्मीबाई
पर हाँ
वीरांगना हूँ मैं
~~~~~~~~~~~~~
शालिनी रस्तौगी
आपकी टिप्पणी मेरे लिए अनमोल है.अगर आपको ये पोस्ट पसंद आई ,तो अपनी कीमती राय कमेन्ट बॉक्स में जरुर दें.आपके मशवरों से मुझे बेहतर से बेहतर लिखने का हौंसला मिलता है.
No comments:
Post a Comment
आपकी टिप्पणी मेरे लिए अनमोल है.अगर आपको ये पोस्ट पसंद आई ,तो अपनी कीमती राय कमेन्ट बॉक्स में जरुर दें.आपके मशवरों से मुझे बेहतर से बेहतर लिखने का हौंसला मिलता है.