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Friday, 9 June 2017

मालि क की रज़ा क्या है ( ग़ज़ल )

फ़िक्र में क्यों हैं, गलत क्या औ वज़ा क्या है
आप क्या जाने बेअक्ली का मज़ा क्या क्या है ?.

बन गया है जो यूँ खुदमुख्तार तू अपना
जानता भी है कि मालिक की रज़ा क्या है ?

कह के हाँजो तुम यूँ वादे से मुकर जाते हो
जो नहीं है यह तो फिर बोलो कज़ा क्या है ?


तीर,खंजर कैद औ फाँसी से क्या होता है,
जो पशेमां खुद उसे और सज़ा क्या है?

दिल तो निकाल के जाने कब का तुझे दिया 
धड़क रहा है सीने में, जाने ये पुर्ज़ा क्या है|



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