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Friday, 12 May 2017

बंद पलकों पर कोई ख्व़ाब रख दे



बंद पलकों पर कोई ख्व़ाब रख दे,
अँधेरी रातों पे माहताब रख दे,
नाम तेरा लब पे मेरे सजे है यूँ,
जैसे होंठों पे कोई गुलाब रख दे|

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