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Monday, 23 June 2014

कविता क्या है ??

कविता क्या है ??
आत्मानुभूति, 
आत्मानंद, 
आत्मप्रकटीकरण है कविता 
या आत्मवंचना से खुद को छलना? 
प्रत्यक्ष का बयाँ है
या अप्रत्यक्ष की संभावना है ?
कुछ व्यक्त से विचार
या अव्यक्त से भाव ?
स्वपीड़ा का प्रकटीकरण
या परपीड़ा से व्यथित मन?
कुछ सीधे, सच्चे, सरल विचार
या विचारों का गुच्छित जाल?
स्पष्ट दिखता जो सामने
उसे देख पाना
या पीछे छिपी बातों का कयास लगाना?
मन को सहलाते, पंखों से हल्के-फुल्के शब्द
या अतिसूक्ष्म भावों को लिए स्थूल शब्द?
सप्रयास कही जाए,
या स्वतः स्फूर्त हो जो
वह कविता है?

3 comments:

  1. कविता में
    जो कहना होता है
    उसके बारे में बस
    सोचना होता है
    लिखना जो होता है
    वो कहीं नहीं होता है ।

    सुंदर रचना ।

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  2. शायद पढने वाले की समझ औए और उसका दृष्टिकोण है कविता ... लिखने के बाद पड़ने वाला ही ढूंढता है उन शब्दों का मतलब ...

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  3. कितना कुछ है काव्य में ....बहुत गहन चिंतन

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