इस दिल कि हर एक धडकन से ,पल - पल बढती इस उलझन से,
मुँह फेर लिया तुमने तो क्या, वाकिफ़ हो तुम भी अनजान नहीं,
जज़्बात तुम्हारे दिल में भी , सर जब-तब अपना उठाते है
क्यों गला घोटते तुम इनका, आशिक हो,कातिल -सैयाद नहीं.
इंतज़ार की लम्बी घड़ियों का, हिसाब तुम्हें भी हर-पल का
अपनी ही चिट्ठी लिख के फाड़ो, कातिब हो, अपने रकीब नहीं.
गढ़ते हर रोज़ नया किस्सा , करते हर रोज़ नया नखरा,
नहीं मिलना तो न मिलो हमसे, हम भी कुछ कम खुद्दार नहीं
हाँ, सच है दिल पे जोर कभी , होगा न हुआ है अब तक कभी ,
ये जोर अजमाइश फिर क्यों कर , क्या खुद पे तुम्हें एतबार नहीं.
कुछ ख्वाब अभी तक बाकी है , उम्मीद भी शीशा ए दिल में
तुम आओ, आके तोड़ो इन्हें, बस इतना ही अब इंतज़ार सही .
इंतज़ार की लम्बी घड़ियों का, हिसाब तुम्हें भी हर-पल का
ReplyDeleteअपनी ही चिट्ठी लिख के फाड़ो, कातिब हो, अपने रकीब नहीं.
हर लफ्ज भावनाओं को बेहतर तरीके से अभिव्यक्त कर रहा है .....! भावपूर्ण रचना ...!
बहुत बहुत धन्यवाद केवल राम जी !
Deleteहाँ, सच है दिल पे जोर कभी , होगा न हुआ है अब तक कभी ,
ReplyDeleteये जोर अजमाइश फिर क्यों कर , क्या खुद पे तुम्हें एतबार नहीं.
क्या बात कही मैम !
बहुत ही बढ़िया।
सादर
यशवंत जी , हौंसला अफजाई के लिए शुक्रिया !
Deleteहाँ, सच है दिल पे जोर कभी , होगा न हुआ है अब तक कभी ,
ReplyDeleteये जोर अजमाइश फिर क्यों कर , क्या खुद पे तुम्हें एतबार नहीं... bahut khoob
रश्मि जी, हार्दिक आभार !
Delete"हाँ, सच है दिल पे जोर कभी , होगा न हुआ है अब तक कभी ,
ReplyDeleteये जोर अजमाइश फिर क्यों कर , क्या खुद पे तुम्हें एतबार नहीं."
सुंदर !
धन्यवाद सुशीला जी !
Deleteवाह ..
ReplyDeleteबहुत सुन्दर गज़ल...
कुछ ख्वाब अभी तक बाकी है , उम्मीद भी शीशा ए दिल में
ReplyDeleteतुम आओ, आके तोड़ो इन्हें, बस इतना ही अब इंतज़ार सही .
khoobsoorat...
कुछ ख्वाब अभी तक बाकी है , उम्मीद भी शीशा ए दिल में
ReplyDeleteतुम आओ, आके तोड़ो इन्हें, बस इतना ही अब इंतज़ार सही .
khoobsoorat andaaz.....
सुभानाल्लाह.....हर शेर उम्दा और बेहतरीन......दाद कबूल करें|
ReplyDeleteशुक्रिया इमरान जी....
Deleteकुछ ख्वाब अभी तक बाकी है , उम्मीद भी शीशा ए दिल में
ReplyDeleteतुम आओ, आके तोड़ो इन्हें, बस इतना ही अब इंतज़ार सही .
भावपूर्ण खूबसूरत प्रस्तुति.
आपकी काव्य प्रतिभा कमाल की है.
प्रस्तुति के लिए बहुत बहुत आभार,शालिनी जी.
मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है.
वाह ..
ReplyDeleteबहुत सुन्दर ...