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Friday, 25 September 2020

रक्तदान : महादान

 रक्तदान पर दोहे 

1.

रग- रग में खौले नहीं, पथ पर बहे न व्यर्थ|

रक्षा प्राणों की करे, तभी रक्त  का अर्थ ||

2.

सडकों पर न व्यर्थ बहे, धर्म-जात के नाम|

मनुज रक्त आए सदा, मानवता के काम ||

भाई-चारा विश्व में, बढ़े प्रेम सद्भाव|

रक्तदान बंधुत्व का, मन में भर दे भाव||

4.

अन्न. वस्त्र, धरा औ धन, देत होय सम्मान |

पर सब दानों से बढ़ा, जग में शोणित दान||

5.

दान करे से घटे नहीं, होय न कछु नुकसान|

मिले समय पर रक्त जो, बचें मनुज के प्राण||

6.

अस्पताल में रक्त की , कमी न लीले प्राण| 

रक्त-दान संकल्प लें, करें महा कल्याण||

7.

तीन माह में दान कर, रक्त मनुज इक बार|

जीवन तीन बचाय के, कर सब पर उपकार||

8. 

सीमा पर ग़र खूँ बहा, कर न सको बलिदान|

रक्त देय जीवन बचा, ये भी काज महान||

9. 

बच जाते जीवन कई, मिल जाता जो रक्त|

दाता है जो रक्त का, सच्चा ईश्वर भक्त||

 10.

हृदय- रोग का डर घटे, होय आत्म संतोष|

नया रक्त निर्माण हो, कभी न कम यह कोष||

शालिनी रस्तौगी 

गुरुग्राम 

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