Pages

Sunday, 30 December 2012

मगरूर


गुरुर में हो गाफ़िल, कि दिल नवाजी से, साफ़ बचते हो
मसरूफियत है या कि बेरुखी जो हमें, दरकिनार किए रखते  हो .

पेशानी पे त्योंरियाँ, तल्खी औ तंज जुबां पे हरदम 
ज़माने भर की नाराज़गी, हम पे ही  बयाँ  करते हो

चार दिन की जिंदगानी में क्यूँकर हज़ार शिकवे- गिले
मुहब्बत से मिला करो , दुश्मन से भी अगर मिलते हो .

इस शहर में न मिलेगा,  हम-सा तुम्हें ए दोस्त कोई,
क्यों बेगानों की भीड़ में, दोस्तों का गुमां रखते हो .

बस बच रहा वो ही कि जिसने, ज़रा-सी लचक रखी खुद में 
कि टूट जाओगे चटक के जो न , झुकाने का हुनर रखते हो.

हक किसने दिया हुस्न या कि इश्क को मगरूर होने का 
बिन एक के दूजे की गुज़र, कैसे-कैसे मजाक करते हो 












16 comments:

  1. बहुत ही सुन्दर नज्म है। आपने लॉक लगा दिया वर्ना अपनी पसंद की लाइने कॉपी करके पेस्ट करता। खैर ,ये भी जरुरी है। वर्ना ये सुन्दर नज्मे भी चोरी हो जाएँगी।

    ReplyDelete
    Replies
    1. धन्यवाद आमिर भाई.....

      Delete
  2. लाजवाब प्रस्तुती,इस चार दिन की जिन्दगी में यदि प्यार मोहब्बत से रहा जाय तो जीवन सुधर जाय।


    राजेन्द्र ब्लॉग
    वेब मीडिया
    भूली -बिसरी यादें

    ReplyDelete
    Replies
    1. बिल्कुल ठीक कहा राजेन्द्र जी... बहुत बहुत धन्यवाद!

      Delete
  3. wahh...bahut umda ...Badhai...
    http://ehsaasmere.blogspot.in/2012/12/blog-post.html

    ReplyDelete
    Replies
    1. धन्यवाद सुरेश जी... ब्लॉग पर आने व प्रशंसा कर हौंसला बढ़ाने के लिए!

      Delete
  4. बिल्‍कुल सच कहा आपने ... सार्थकता लिये सशक्‍त लेखन

    ReplyDelete
  5. बहुत ख़ूबसूरत ग़ज़ल...

    ReplyDelete

  6. नववर्ष मंगलमय हो !


    अच्छी रचना
    बहुत सुंदर

    इस शहर में न मिलेगा, हम-सा तुम्हें ए दोस्त कोई,क्यों बेगानों की भीड़ में, दोस्तों का गुमां रखते हो .

    ReplyDelete
    Replies
    1. धन्यवाद महेंद्र जी... आपको भी नववर्ष की बहुत बहुत शुभकामनाएँ!

      Delete
  7. बहुत ही बढ़िया मैम



    सादर

    ReplyDelete
  8. बहुत बढ़िया गजल,,,,

    चिरनिद्रा में सोकर खुद,आज बन गई कहानी,
    जाते-जाते जगा गई,बेकार नही जायगी कुर्बानी,,,,

    recent post : नववर्ष की बधाई

    ReplyDelete
  9. हर शैर फलसफा ,निभने निभाने की बात की है ,


    औरों को नहीं खुद को आजमाने की बात की है .

    ReplyDelete

आपकी टिप्पणी मेरे लिए अनमोल है.अगर आपको ये पोस्ट पसंद आई ,तो अपनी कीमती राय कमेन्ट बॉक्स में जरुर दें.आपके मशवरों से मुझे बेहतर से बेहतर लिखने का हौंसला मिलता है.