tag:blogger.com,1999:blog-4315573985225860733.post7352324986843466932..comments2023-11-05T00:19:53.278-07:00Comments on मेरी कलम मेरे जज़्बात: नैन shalini rastogihttp://www.blogger.com/profile/07268565664101777300noreply@blogger.comBlogger20125tag:blogger.com,1999:blog-4315573985225860733.post-82156902321188592522013-04-15T07:28:47.730-07:002013-04-15T07:28:47.730-07:00धन्यवाद आमिर ... इस सवैये में एक सखी दूसरी से पूछ ...धन्यवाद आमिर ... इस सवैये में एक सखी दूसरी से पूछ रही है कि तेरे इन नयनों ने करोड़ों तरह से वार करने की कलाएँ कहाँ से सीखी हैं .. किस शिकारी ने इन्हें यह शिकार करना सिखाया है ..ये तेरे नयन नई भाषा सीख रहे हैं जो ये चुप रह कर भी तकरार करते हैं .... जब कामदेव की कमान से निकले बाणों की तरह जब ये कटाक्ष मारते हैं तो सीधे हृदय को भेद जाते हैं ... <br /><br />इस सवैये का अर्थ सरल भाषा में करने का प्रयास किया है ..आशा है आपको समझ आ गया होगा अब|shalini rastogihttps://www.blogger.com/profile/07268565664101777300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4315573985225860733.post-29352985193853246352013-04-15T06:54:49.400-07:002013-04-15T06:54:49.400-07:00विजय जी ... यह एक स्वस्थ परिचर्चा है ..और ऐसी ही प...विजय जी ... यह एक स्वस्थ परिचर्चा है ..और ऐसी ही परिचर्चाओं के माध्यम से हम सीखते हैं ... आपको कुछ नहीं लगा तो आपने इंगित कर दिया ... और मुझे जो सही लगा प्रत्युत्तर दे दिया ... आपका बहुत बहुत आभार व्यक्त करती हूँ कि आपने इस पोस्ट पर इतना समय दिया ... बहुत बहुत धन्यवाद !shalini rastogihttps://www.blogger.com/profile/07268565664101777300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4315573985225860733.post-66575377596124113102013-04-14T22:36:16.903-07:002013-04-14T22:36:16.903-07:00नव संवत्सर की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ!! बहुत दि...नव संवत्सर की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ!! बहुत दिनों बाद ब्लाग पर आने के लिए में माफ़ी चाहता हूँ <br /><br />बहुत खूब बेह्तरीन अभिव्यक्ति<br /><br />आज की मेरी नई रचना आपके विचारो के इंतजार में <br /><a href="http://dineshpareek19.blogspot.in/2013/04/blog-post_14.html" rel="nofollow"><b>मेरी मांग</b></a>Dinesh pareekhttps://www.blogger.com/profile/00921803810659123076noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4315573985225860733.post-86556229669152986872013-04-14T03:55:46.942-07:002013-04-14T03:55:46.942-07:00बेहतरीन प्रस्तुति शालिनी जी ... बधाई !बेहतरीन प्रस्तुति शालिनी जी ... बधाई !दिल की आवाज़https://www.blogger.com/profile/03374854482209439075noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4315573985225860733.post-57911090458969373512013-04-14T02:10:25.700-07:002013-04-14T02:10:25.700-07:00mujhe ye technical jankari to hai nahi ki sawaiya ...mujhe ye technical jankari to hai nahi ki sawaiya kisko kahte hain...bas itna bata sakte hain.. bhaw ubhar kar aaya hai :)मुकेश कुमार सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/14131032296544030044noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4315573985225860733.post-5271250354579239572013-04-14T01:13:32.482-07:002013-04-14T01:13:32.482-07:00सहज सोंदर्य पैदा हो रहा है इस प्रकार के छंद प्रयोग...सहज सोंदर्य पैदा हो रहा है इस प्रकार के छंद प्रयोग में ... <br />विजय जी का कहना अपनी जगह है पर हर विधा का अपना महत्त्व है ... ओर अपने अपने भाव अनुसार दोनों में ही सुंदरता है ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4315573985225860733.post-9545729182339058882013-04-14T00:35:26.345-07:002013-04-14T00:35:26.345-07:00नवरात्रों की बहुत बहुत शुभकामनाये
आपके ब्लाग पर...नवरात्रों की बहुत बहुत शुभकामनाये <br />आपके ब्लाग पर बहुत दिनों के बाद आने के लिए माफ़ी चाहता हूँ <br />बहुत खूब बेह्तरीन अभिव्यक्ति!शुभकामनायें<br />आज की मेरी नई रचना आपके विचारो के इंतजार में <br /><a href="http://dineshpareek19.blogspot.in/2013/04/blog-post_14.html" rel="nofollow"><b>मेरी मांग</b></a>Dinesh pareekhttps://www.blogger.com/profile/00921803810659123076noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4315573985225860733.post-82583564844290176102013-04-14T00:24:56.469-07:002013-04-14T00:24:56.469-07:00नवरात्रों की बहुत बहुत शुभकामनाये
आपके ब्लाग पर...नवरात्रों की बहुत बहुत शुभकामनाये <br />आपके ब्लाग पर बहुत दिनों के बाद आने के लिए माफ़ी चाहता हूँ <br />बहुत खूब बेह्तरीन अभिव्यक्ति!शुभकामनायें<br />आज की मेरी नई रचना आपके विचारो के इंतजार में <br /><a href="http://dineshpareek19.blogspot.in/2013/04/blog-post_14.html" rel="nofollow"><b>मेरी मांग</b></a>Dinesh pareekhttps://www.blogger.com/profile/00921803810659123076noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4315573985225860733.post-58536855240762950982013-04-13T23:27:34.131-07:002013-04-13T23:27:34.131-07:00बिल्कुल अन्यथा नही ले रहा हूं। मैं गलत था और गलती ...बिल्कुल अन्यथा नही ले रहा हूं। मैं गलत था और गलती स्वीकारने में कोई अपमान भी नहीं मान रहा हूं। उसका कारण यह है कि आपका आज प्रकाशित और एक सवैया पढा एहसास हो गया कि आप के भीतर से स्वाभाविक अभिव्यक्ति हो रही है उसमें कोई शक नहीं।साहित्य और समीक्षा डॉ. विजय शिंदेhttps://www.blogger.com/profile/18249451298672443313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4315573985225860733.post-22700291776252339942013-04-13T19:56:35.890-07:002013-04-13T19:56:35.890-07:00सुंदर भाव शालिनी जी बधाई
मेरे अंगना कब आओगे
'...सुंदर भाव शालिनी जी बधाई <br />मेरे अंगना कब आओगे <br /><a href="guzarish66.blogspot.in" rel="nofollow">''माँ वैष्णो देवी ''</a>Guzarishhttps://www.blogger.com/profile/11205127840621066197noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4315573985225860733.post-34528593946472818942013-04-13T18:45:45.563-07:002013-04-13T18:45:45.563-07:00बहुत सुन्दर....बेहतरीन प्रस्तुति
पधारें "आँ...<br />बहुत सुन्दर....बेहतरीन प्रस्तुति <br />पधारें "आँसुओं के मोती"Pratibha Vermahttps://www.blogger.com/profile/09088661008620689973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4315573985225860733.post-30614192951980940142013-04-13T10:42:19.734-07:002013-04-13T10:42:19.734-07:00विजय जी , सर्वप्रथम तो आपका धन्यवाद करना चाहूंगी क...विजय जी , सर्वप्रथम तो आपका धन्यवाद करना चाहूंगी कि आपने इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ा और अपनी राय भी दी ... देखिए कृत्रिमता और सहजता के विषय में अपनी-अपनी अलग राय हो सकती है ...हो सकता है जो आपको कृत्रिम लग रहा है वह मेरे व अन्य लोगों के लिए सहज हो ... जहाँ तक बात इसे सवैया छंद में बाँधने की है... जो जो सौंदर्य इस छंद में उत्पन्न हुआ है मेरे विचार से वह छंदमुक्त में संभव ही नहीं था... ये छंद अत्यंत सहज व सीधे दिल से निकलते हैं ..इसमें कलापक्ष को कृत्रिमता का जामा नहीं पहनाया गया है वरन उसमें लास्य उत्पन्न किया गया है ...शायद आपने कभी पूरी लय के साथ सवैया पढ़ा नहीं है ..अन्यथा ऐसा नहीं कहते ..ये हमारे अपने भारतीय छंद हैं ... इनमें स्वाभाविकता है बनावट नहीं ... वैसे आप अपनी राय रख सकते हैं ... नहीं तो आप नाराज़ हो जाएँगे ... आशा है मेरे विचारों को अन्यथा न लेते हुए प्रत्युत्तर के रूप में स्वीकारेंगे..shalini rastogihttps://www.blogger.com/profile/07268565664101777300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4315573985225860733.post-17610747955721918192013-04-13T04:46:10.397-07:002013-04-13T04:46:10.397-07:00आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (14-04-2013) ...आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (14-04-2013) के <a href="http://charchamanch.blogspot.in/" rel="nofollow">चर्चा मंच 1214</a> पर लिंक की गई है कृपया पधारें. सूचनार्थ अरुन अनन्तhttps://www.blogger.com/profile/02927778303930940566noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4315573985225860733.post-89659610395936642512013-04-13T04:10:04.809-07:002013-04-13T04:10:04.809-07:00शालिनी जी भाव अच्छे। पुरूषों की अपेक्षा नारियों मे...शालिनी जी भाव अच्छे। पुरूषों की अपेक्षा नारियों में नैनों के बान चलाने की क्षमता अद्भुत होती है। हृदय पर घांव करने की क्षमता उसमें(सखी और नारी) रहती है। सहज भाव पर इसे सवैया में बांधना जरूरी था? यहीं अभिव्यक्ति आप सरलता से करते तो और अधिक शक्ति पा सकती थी। कविता को कलापक्ष का कृत्रिम जामा पहनने की जरूरत नहीं हैं। हां यह अगर सहजता से बना है तो कोई बात नहीं। यह मेरा विचार है, आप अलग राय भी रख सकती हैं, नहीं तो आप नाराज हो जाएंगी। साहित्य और समीक्षा डॉ. विजय शिंदेhttps://www.blogger.com/profile/18249451298672443313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4315573985225860733.post-47728122462008685442013-04-13T00:33:24.470-07:002013-04-13T00:33:24.470-07:00बेहतरीन उम्दा प्रस्तुति....
बेहतरीन उम्दा प्रस्तुति....<br />Rajendra kumarhttps://www.blogger.com/profile/00010996779605572611noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4315573985225860733.post-1447635003007901852013-04-13T00:13:52.657-07:002013-04-13T00:13:52.657-07:00दीदी लिखा बड़ा अच्छा है ,लेकिन इसका अर्थ भी लिखना ...दीदी लिखा बड़ा अच्छा है ,लेकिन इसका अर्थ भी लिखना था ,ताकि मेरे जैसे भी समझ सकते। थैंक्स।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/11687562436927833964noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4315573985225860733.post-81990438118267106702013-04-12T21:43:57.486-07:002013-04-12T21:43:57.486-07:00सुन्दर.सुन्दर.ओंकारनाथ मिश्र https://www.blogger.com/profile/11671991647226475135noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4315573985225860733.post-65788943586166938422013-04-12T19:38:30.376-07:002013-04-12T19:38:30.376-07:00बहुत ही बढ़िया मैम
सादर बहुत ही बढ़िया मैम <br /><br /><br />सादर Yashwant R. B. Mathurhttps://www.blogger.com/profile/06997216769306922306noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4315573985225860733.post-72559172609152084372013-04-12T12:30:15.544-07:002013-04-12T12:30:15.544-07:00बहुत उम्दा सुंदर प्रस्तुति,आभार
Recent Post : अम...<b><i>बहुत उम्दा सुंदर प्रस्तुति,आभार </i></b><br /><br /><b>Recent Post </b><a href="http://dheerendra11.blogspot.in/2013/04/blog-post_12.html#links" rel="nofollow">: अमन के लिए.</a><br />धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4315573985225860733.post-17013960742667792532013-04-12T10:34:36.440-07:002013-04-12T10:34:36.440-07:00वाह जी वाह | उत्तम वाह जी वाह | उत्तम Tamasha-E-Zindagihttps://www.blogger.com/profile/01844600687875877913noreply@blogger.com