Sunday 5 June 2011

जीवन की परीक्षा में



परीक्षा में बैठे , परीक्षार्थियों से 
प्रश्न पत्र को उलटते पलटते 
उत्तरों को अपनी यादों में टटोलते 
कभी खिन्न , कभी प्रसन्न.
घडी की सुइयों के साथ दौड़ लगाते
परिणाम की कभी आशा 
और कभी आशंका लिए 
परीक्षार्थियों से हम 
जीवन रुपी परीक्षा में
पल पल परीक्षा देते
अंतर मात्र इतना ही
उनके सामने हैं प्रश्न पत्र
और ज़िन्दगी हमारे आगे
रोज़ एक नया प्रश्न उठाती
और बिना पूर्व तैयारी के ही
उतर पड़ते हैं मैदान में
हर क्षण अनुत्तीर्ण होने की
आशंका लिए
करते जाते हैं हल
ज़िन्दगी के अनोखे
अनुत्तरित पल ........


4 comments:

  1. जीवन उस सुन्दरवन की भाँति है जिसकी पगडंडियाँ एक दूसरे से मिलकर राहगीर को एक नई दिशा में उलझा देती हैं | सुन्दर भावाभिव्यक्ति |

    ReplyDelete
  2. आप सभी का हार्दिक धन्यवाद !!!!

    ReplyDelete

आपकी टिप्पणी मेरे लिए अनमोल है.अगर आपको ये पोस्ट पसंद आई ,तो अपनी कीमती राय कमेन्ट बॉक्स में जरुर दें.आपके मशवरों से मुझे बेहतर से बेहतर लिखने का हौंसला मिलता है.

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...
Blogger Tips And Tricks|Latest Tips For Bloggers Free Backlinks